जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा श्री राधाष्टमी की ही भाँति अन्य सभी त्यौहार अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाते थे और आज भी जगद्गुरु कृपालु परिषत् के सभी केन्द्रों में हर त्यौहार श्री महाराज जी के समन्वयवादी सिद्धान्तानुसार ही मनाया जाता है। किसी भी जाति अथवा किसी भी धर्म से सम्बन्धित त्यौहार हो, सबका केवल एक ही लक्ष्य होता है- भक्ति भावना सुदृढ़ करना एवं भगवान् से निष्काम प्रेम की याचना।
आचार्य श्री के श्री मुख से अनायास ही नये-नये कीर्तन निःसृत होते रहते थे। विभिन्न त्यौहारों से सम्बनिधत उनकी दिव्य रचनाओं का संकलन है यह ‘भक्तिरस सिंधु’ नामक ग्रन्थ। पूर्व में यह सभी कीर्तन ब्रज रस माधुरी मे प्रकाशित किये गये थे। किन्तु साधकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये त्यौहार सम्बन्धी समस्त कीर्तनों को इस पुस्तक में संकलित किया गया है। जिससे साधक पर्व के अनुरूप संकीर्तन के गायन अथवा पठन द्वारा भक्ति रस में डूब सकें।
Bhakti Ras Sindhu is a unique compilation crafted especially for spiritual festivals and occasions. This collection brings together kirtans composed by Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj for various festivals, allowing devotees to immerse themselves in the joy of devotion on every occasion.
Inside, you'll find kirtans for significant celebrations like Holi, Diwali, Shri Krishna Janmashtami, Guru Purnima, Shri Ram Navami, Hanuman Jayanti, Ganesh Chaturthi, Dussehra, and more. Each page invites you to connect deeply with the spirit of each festival, enriching your devotional experience.
The organized layout of Bhakti Ras Sindhu makes it easy to find the right kirtan for any occasion. Whether celebrating with family or in personal sadhna, this collection is a perfect companion for a meaningful devotional journey.
Bhakti Ras Sindhu HindiVARIANT | SELLER | PRICE | QUANTITY |
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जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा श्री राधाष्टमी की ही भाँति अन्य सभी त्यौहार अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाते थे और आज भी जगद्गुरु कृपालु परिषत् के सभी केन्द्रों में हर त्यौहार श्री महाराज जी के समन्वयवादी सिद्धान्तानुसार ही मनाया जाता है। किसी भी जाति अथवा किसी भी धर्म से सम्बन्धित त्यौहार हो, सबका केवल एक ही लक्ष्य होता है- भक्ति भावना सुदृढ़ करना एवं भगवान् से निष्काम प्रेम की याचना।
आचार्य श्री के श्री मुख से अनायास ही नये-नये कीर्तन निःसृत होते रहते थे। विभिन्न त्यौहारों से सम्बनिधत उनकी दिव्य रचनाओं का संकलन है यह ‘भक्तिरस सिंधु’ नामक ग्रन्थ। पूर्व में यह सभी कीर्तन ब्रज रस माधुरी मे प्रकाशित किये गये थे। किन्तु साधकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये त्यौहार सम्बन्धी समस्त कीर्तनों को इस पुस्तक में संकलित किया गया है। जिससे साधक पर्व के अनुरूप संकीर्तन के गायन अथवा पठन द्वारा भक्ति रस में डूब सकें।
Bhakti Ras Sindhu is a unique compilation crafted especially for spiritual festivals and occasions. This collection brings together kirtans composed by Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj for various festivals, allowing devotees to immerse themselves in the joy of devotion on every occasion.
Inside, you'll find kirtans for significant celebrations like Holi, Diwali, Shri Krishna Janmashtami, Guru Purnima, Shri Ram Navami, Hanuman Jayanti, Ganesh Chaturthi, Dussehra, and more. Each page invites you to connect deeply with the spirit of each festival, enriching your devotional experience.
The organized layout of Bhakti Ras Sindhu makes it easy to find the right kirtan for any occasion. Whether celebrating with family or in personal sadhna, this collection is a perfect companion for a meaningful devotional journey.
Language | Hindi |
Genre | Sankirtan |
Theme | Classics, Devotional Songs & Bhajans, Philosophy / Tattvagyan, Roopdhyan |
Format | Paperback |
Classification | Principal Composition |
Author | Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj |
Publisher | Radha Govind Samiti |
Number of pages | 208 |
Weight (gm) | 290 |
Dimension | 12.5cm X 18cm X 2cm |
ISBN | 9789390373697 |