Sadhan Sadhya - Sharatpurnima 2015 - Hindi
Spiritual Magazine
प्रिया प्रियतम के प्रेम रस रसिक प्रिय गुरुवर के प्राकट्य दिवस शरत्पूर्णिमा पर उनके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम। सभी साधकों को हार्दिक बधाई।
समस्त शास्त्रों, वेदों, पुराणों, गीता, भागवत, रामायण तथा अन्यान्य धर्म ग्रन्थों के सार स्वरूप ‘प्रेम रस सिद्धान्त’ जैसे अद्भुत अलौकिक अनुपमेय ग्रन्थ जैसा अनमोल खजाना 60 वर्ष पूर्व श्री महाराज जी ने कलियुगी जीवों के कल्याणार्थ प्रकाशित करके अपने अवतार का प्रयोजन स्पष्ट कर दिया था कि वे गोलोक से भूलोक पर केवल जीव कल्याणार्थ ही आये हैं। अधमों के उद्धार के लिये ही देह धारण किया है। बिना किसी कारण के ही दीन जनों को प्रेम प्रदान करना ही उनकी हर क्रिया का लक्ष्य रहा है।
5000 वर्ष पूर्व शरत्पूर्णिमा की शुभ रात्रि में श्री कृष्ण ने अधिकारी जीवों को जो दिव्य प्रेम रस प्रदान किया, उसी दुर्लभ रस का जीवों को अधिकारी बनाने के लिए श्री गुरुवर का सम्पूर्ण जीवन समर्पित रहा। उनके मुखारविन्द से निरन्तर झरते हुये परम पवित्र मधुमय श्री श्यामा श्याम के लीलामृत का पान करके असंख्य जीव प्रेम रस प्राप्ति के लिए भक्ति पथ पर अग्रसर हुये हैं और हो रहे हैं। अत: ‘प्रेम रस सिद्धान्त’ का पुन: पुन: पठन, मनन, निदिध्यासन और पालन ही हमारे जीवन का आधार हो, गुरु चरणों में इस प्रार्थना के साथ यह शरत्पूर्णिमा साधन साध्य अंक प्रकाशित किया जा रहा है।
सद्गुरु श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम।
Language | Hindi |
Genre | Spiritual Magazine and Philosophy |
Classification | Magazine |
Author | HH Dr Shyama Tripathi |
Publisher | Radha Govind Samiti |
Weight | 162 g |
Size | 21.5 cm X 28 cm X 0.4 cm |