श्री कृष्ण की निःस्वार्थ भक्ति ही हृदय को शुद्ध करने का एकमात्र उपाय है। इसलिए निरंतर भक्ति का अभ्यास तब तक करें जब तक आपका हृदय पूरी तरह से शुद्ध न हो जाए।
Always Rememberप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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श्री कृष्ण की निःस्वार्थ भक्ति ही हृदय को शुद्ध करने का एकमात्र उपाय है। इसलिए निरंतर भक्ति का अभ्यास तब तक करें जब तक आपका हृदय पूरी तरह से शुद्ध न हो जाए।
भाषा | द्विभाषी, हिंदी, अंग्रेजी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | छोटी किताब, तत्वज्ञान |
फॉर्मेट | पॉकेट साइज |
वर्गीकरण | संकलन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 68 |
वजन (ग्राम) | 26 |
आकार | 9 सेमी X 7 सेमी X 0.4 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661575 |
Radhey radhey!! Shri maharaj ji kahte h ki tattvagyan sada yaad rakhna chahiye aur usi se buddhu ko govern karna chahiye.. Is choti si pustak me shri maharaj ji samast tattva gyan bhar diya.. Ek baar jarrur pad kar dekhe aur sada saath rakhe..!! 🙏🙏Nov 27, 2023 2:33:53 PM
Radhe Radhe. A very practical book to be brought everywhere you are so that you can always remember the most important principles of Bhakti in daily life.Mar 11, 2023 7:40:06 PM
Very good bookFeb 14, 2023 5:51:22 AM
Hare Krishna 🌼 I order 4 books from here, all of them are so good with beautiful packaging 🌼🌼🌼🌼🌼Feb 11, 2023 3:27:41 PM