G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka 110075 New Delhi IN
जे के पी लिटरेचर
G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka New Delhi, IN
+918588825815 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/621dbb04d3485f1d5934ef35/logo-18-480x480.png" [email protected]
9789380661872 65d5abc361ceea89dd435587 बार बार पढ़ो सुनो समझो - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/65d5d0c9a6f07d4be0a02d9a/a5-magazine-mockup.jpg

पुस्तक के नाम से ही पुस्तक का विषय स्पष्ट हो जाता है। आवृत्तिरसकृदुपदेशात् - इस ब्रह्मसूत्र के द्वारा जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने प्रत्येक साधक के लिये तत्त्वज्ञान की परिपक्वता परमावश्यक बताई है तदर्थ गुरु का उपदेश बार बार सुनो, बार बार पढ़ो। कभी यह न सोचो मैं सब समझता हूँ, मुझे सब पता है। जितनी बार पढ़ोगे उतनी ही परिपक्वता आयेगी और पतन से बचे रहोगे। तत्त्वज्ञान को सदैव साथ रखो। तत्त्वज्ञान विस्मरण न होने पाये।

इस ब्रह्मसूत्र का प्रमाण देते हुए श्री महाराज जी ने बार बार तत्त्वज्ञान श्रवण का उपदेश दिया है। प्रस्तुत पुस्तक में उनके प्रवचनों के कुछ अंश संकलित किये गये हैं।

Bar Bar Padho suno samjho-Hindi
in stockINR 107
1 1
बार बार पढ़ो सुनो समझो - हिन्दी

बार बार पढ़ो सुनो समझो - हिन्दी

जानिये हरि-गुरु की नित्य भक्ति करने का गुरु मंत्र।
भाषा - हिन्दी

₹107
₹250   (57%छूट)


SHARE PRODUCT
प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

पुस्तक के नाम से ही पुस्तक का विषय स्पष्ट हो जाता है। आवृत्तिरसकृदुपदेशात् - इस ब्रह्मसूत्र के द्वारा जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने प्रत्येक साधक के लिये तत्त्वज्ञान की परिपक्वता परमावश्यक बताई है तदर्थ गुरु का उपदेश बार बार सुनो, बार बार पढ़ो। कभी यह न सोचो मैं सब समझता हूँ, मुझे सब पता है। जितनी बार पढ़ोगे उतनी ही परिपक्वता आयेगी और पतन से बचे रहोगे। तत्त्वज्ञान को सदैव साथ रखो। तत्त्वज्ञान विस्मरण न होने पाये।

इस ब्रह्मसूत्र का प्रमाण देते हुए श्री महाराज जी ने बार बार तत्त्वज्ञान श्रवण का उपदेश दिया है। प्रस्तुत पुस्तक में उनके प्रवचनों के कुछ अंश संकलित किये गये हैं।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसिद्धांत
विषयवस्तुगुरु - सच्चा आध्यात्मिक पथ प्रदर्शक, तत्वज्ञान, अभ्यास की शक्ति
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणसंकलन
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या208
वजन (ग्राम)321
आकार12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.6 सेमी
आई.एस.बी.एन.9789380661872

पाठकों के रिव्यू

  0/5