हालांकि भगवान हमारे भौतिक मन, बुद्धि और इंद्रियों से परे हैं, कई संतों ने उन्हें महसूस किया है। कैसे?
Bhagavat Kripa - Hindi - Ebookप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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हालांकि भगवान हमारे भौतिक मन, बुद्धि और इंद्रियों से परे हैं, कई संतों ने उन्हें महसूस किया है। कैसे?
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
फॉर्मेट | ईबुक |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आई.एस.बी.एन. | 9788194655329 |