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9789390373697 6721c36cff2efb0024424741 भक्ति रस सिंधु - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/6721c3a34155240024e9aae6/brs.jpg

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा श्री राधाष्टमी की ही भाँति अन्य सभी त्यौहार अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाते थे और आज भी जगद्गुरु कृपालु परिषत् के सभी केन्द्रों में हर त्यौहार श्री महाराज जी के समन्वयवादी सिद्धान्तानुसार ही मनाया जाता है। किसी भी जाति अथवा किसी भी धर्म से सम्बन्धित त्यौहार हो, सबका केवल एक ही लक्ष्य होता है- भक्ति भावना सुदृढ़ करना एवं भगवान् से निष्काम प्रेम की याचना।

आचार्य श्री के श्री मुख से अनायास ही नये-नये कीर्तन निःसृत होते रहते थे। विभिन्न त्यौहारों से सम्बनिधत उनकी दिव्य रचनाओं का संकलन है यह ‘भक्तिरस सिंधु’ नामक ग्रन्थ। पूर्व में यह सभी कीर्तन ब्रज रस माधुरी मे प्रकाशित किये गये थे। किन्तु साधकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये त्यौहार सम्बन्धी समस्त कीर्तनों को इस पुस्तक में संकलित किया गया है। जिससे साधक पर्व के अनुरूप संकीर्तन के गायन अथवा पठन द्वारा भक्ति रस में डूब सकें।

Bhakti Ras Sindhu Hindi
in stockINR 150
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भक्ति रस सिंधु - हिन्दी

भक्ति रस सिंधु - हिन्दी

सभी त्यौहारों से संबंधित संकीर्तन
भाषा - हिन्दी

₹150


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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा श्री राधाष्टमी की ही भाँति अन्य सभी त्यौहार अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाते थे और आज भी जगद्गुरु कृपालु परिषत् के सभी केन्द्रों में हर त्यौहार श्री महाराज जी के समन्वयवादी सिद्धान्तानुसार ही मनाया जाता है। किसी भी जाति अथवा किसी भी धर्म से सम्बन्धित त्यौहार हो, सबका केवल एक ही लक्ष्य होता है- भक्ति भावना सुदृढ़ करना एवं भगवान् से निष्काम प्रेम की याचना।

आचार्य श्री के श्री मुख से अनायास ही नये-नये कीर्तन निःसृत होते रहते थे। विभिन्न त्यौहारों से सम्बनिधत उनकी दिव्य रचनाओं का संकलन है यह ‘भक्तिरस सिंधु’ नामक ग्रन्थ। पूर्व में यह सभी कीर्तन ब्रज रस माधुरी मे प्रकाशित किये गये थे। किन्तु साधकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये त्यौहार सम्बन्धी समस्त कीर्तनों को इस पुस्तक में संकलित किया गया है। जिससे साधक पर्व के अनुरूप संकीर्तन के गायन अथवा पठन द्वारा भक्ति रस में डूब सकें।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसंकीर्तन
विषयवस्तुसर्वोत्कृष्ट रचना, भक्ति गीत और भजन, तत्वज्ञान, रूपध्यान
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणप्रमुख रचना
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या208
वजन (ग्राम)290
आकार12.5 सेमी X 18 सेमी X 2 सेमी
आई.एस.बी.एन.9789390373697

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