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9789390373987 6721a5e35112530036f6d25a ब्रज रस माधुरी भाग 2 - हिन्दी (नया एडिशन) https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/6721a62222a76200366c3cce/brm2.jpg

ब्रजरस रसिक जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज, रसिक शिरोमणि, रसरूप श्यामसुन्दर एवं रससिन्धु रासेश्वरी श्री राधारानी की रसमयी लीलाओं का रसास्वादन साधारण जीवों को भी कराने के लिये सदैव आतुर रहते हैं। दिव्य उन्माद की अवस्था में वे रसिक और रसरूप दोनों ही प्रतीत होते हैं। साथ ही यह भी अनुभूति होती है कि वह जीवों को बरबस ब्रजरस वितरित करना चाहते हैं। उनके श्री मुख से नि:सृत संकीर्तन ब्रजरस ही है, पीने वाला होना चाहिये।

‘ब्रजरस माधुरी’ में समस्त संकीर्तन संकलित किये गये हैं। यह पुस्तक तीन भागों में प्रकाशित की गई है।

इस एडिशन में क्या नया है?

नई ब्रज रस माधुरी एक संपूर्ण आध्यात्मिक खजाना है, जो आपकी भक्ति को और भी गहरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस एडिशन में विषय-वार वर्गीकरण जोड़ा गया है, जिससे अब आप अपने पसंदीदा संकीर्तन को आसानी से ढूंढकर भक्ति में लीन हो सकते हैं।

ब्रज रस लीला, नाम संकीर्तन, सद्गुरु सरकार, श्री कृष्ण, श्री राधा रानी और कई अन्य विषयों पर आधारित इस संकलन में आप आसानी से अपने मनपसंद संकीर्तन का चयन कर सकते हैं। प्रत्येक धुन को विशेष पहचान संख्या दी गई है, जिससे इन्हें गाना और भी सरल हो गया है।

इस विशेष एडिशन में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा लिखित कुछ दुर्लभ और पहले कभी प्रकाशित न की गईं पंक्तियाँ भी शामिल की गई हैं।

Braj Ras Madhuri vol 2 Hindi New
in stockINR 225
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ब्रज रस माधुरी भाग 2 - हिन्दी (नया एडिशन)

ब्रज रस माधुरी भाग 2 - हिन्दी (नया एडिशन)

श्रीकृष्ण लीलाओं से परिप्लुत कीर्तनों का अनमोल खजाना
भाषा - हिन्दी

₹225
₹367   (39%छूट)


विशेषताएं
  • जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा ब्रजरस में सराबोर श्री राधाकृष्ण के नाम, रूप, गुण, लीलाओं की महिमा पर आधारित 100 से भी अधिक भजन
  • गुरु तत्त्व, गुरु कृपा एवं गुरु की उदारता पर आधारित अनेक भजन
  • आत्मा, परमात्मा एवं संसार के स्वरूप ज्ञान युक्त भजन
  • श्री कृष्ण की चंचलतायुक्त मनमोहक बाल लीलाओं की कीर्तनों के माध्यम से विस्तृत व्याख्या
  • श्री राधाकृष्ण का सौन्दर्य, श्रीकृष्ण के सखा एवं श्रीराधा की सखियों के साथ उनकी दिव्य लीलाओं का रमणीक वर्णन
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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

ब्रजरस रसिक जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज, रसिक शिरोमणि, रसरूप श्यामसुन्दर एवं रससिन्धु रासेश्वरी श्री राधारानी की रसमयी लीलाओं का रसास्वादन साधारण जीवों को भी कराने के लिये सदैव आतुर रहते हैं। दिव्य उन्माद की अवस्था में वे रसिक और रसरूप दोनों ही प्रतीत होते हैं। साथ ही यह भी अनुभूति होती है कि वह जीवों को बरबस ब्रजरस वितरित करना चाहते हैं। उनके श्री मुख से नि:सृत संकीर्तन ब्रजरस ही है, पीने वाला होना चाहिये।

‘ब्रजरस माधुरी’ में समस्त संकीर्तन संकलित किये गये हैं। यह पुस्तक तीन भागों में प्रकाशित की गई है।

इस एडिशन में क्या नया है?

नई ब्रज रस माधुरी एक संपूर्ण आध्यात्मिक खजाना है, जो आपकी भक्ति को और भी गहरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस एडिशन में विषय-वार वर्गीकरण जोड़ा गया है, जिससे अब आप अपने पसंदीदा संकीर्तन को आसानी से ढूंढकर भक्ति में लीन हो सकते हैं।

ब्रज रस लीला, नाम संकीर्तन, सद्गुरु सरकार, श्री कृष्ण, श्री राधा रानी और कई अन्य विषयों पर आधारित इस संकलन में आप आसानी से अपने मनपसंद संकीर्तन का चयन कर सकते हैं। प्रत्येक धुन को विशेष पहचान संख्या दी गई है, जिससे इन्हें गाना और भी सरल हो गया है।

इस विशेष एडिशन में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा लिखित कुछ दुर्लभ और पहले कभी प्रकाशित न की गईं पंक्तियाँ भी शामिल की गई हैं।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसंकीर्तन
विषयवस्तुसर्वोत्कृष्ट रचना, भक्ति गीत और भजन, तत्वज्ञान, रूपध्यान
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणप्रमुख रचना
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या416
वजन (ग्राम)345
आकार12.5 सेमी X 18 सेमी X 2 सेमी
आई.एस.बी.एन.9789390373987

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