ब्रजरस त्रयोदशी के तेरह दोहे, ‘प्रेम मन्दिर’ वृन्दावन में गर्भ गृह के एक ओर लिखे गये हैं। भक्ति-शतक नामक ग्रन्थ जो आचार्य श्री के द्वारा सौ दोहों में लिखा गया एक अद्वितीय ग्रन्थ है, जिसमें भक्ति सम्बन्धी सम्पूर्ण तत्वज्ञान को उन्होंने भर दिया है। उस ग्रन्थ के भी सार स्वरूप हैं ये तेरह दोहे जिन्हें आचार्य श्री ने स्वयं ही चयन किया है और प्रेम मन्दिर में अंकित करवाया है।
Braj-Ras-Trayodashi-hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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ब्रजरस त्रयोदशी के तेरह दोहे, ‘प्रेम मन्दिर’ वृन्दावन में गर्भ गृह के एक ओर लिखे गये हैं। भक्ति-शतक नामक ग्रन्थ जो आचार्य श्री के द्वारा सौ दोहों में लिखा गया एक अद्वितीय ग्रन्थ है, जिसमें भक्ति सम्बन्धी सम्पूर्ण तत्वज्ञान को उन्होंने भर दिया है। उस ग्रन्थ के भी सार स्वरूप हैं ये तेरह दोहे जिन्हें आचार्य श्री ने स्वयं ही चयन किया है और प्रेम मन्दिर में अंकित करवाया है।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | तत्वज्ञान |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | प्रवचन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आई.एस.बी.एन. | 9789390373093 |