हमारे देश में धार्मिक नेताओं की बाढ़-सी आयी हुई है। जो शास्त्र-वेद का नाम तक नहीं जानते, वे धर्म के नाम पर केवल अपना व्यापार चला रहे हैं। अनेक प्रकार की भ्रान्तियाँ, जैसे- मंत्र दीक्षा लेना, सम्प्रदायवाद चलाना इत्यादि फैलाकर भोली-भाली जनता को गुमराह कर रहे हैं। यानी धर्म का स्वरूप विकृत हो रहा है।
ऐसी परिस्थिति में यह समझना परमावश्यक है कि गुरु किसे बनाया जाय और गुरु मंत्र अथवा गुरु दीक्षा से क्या तात्पर्य है?
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज इस विषय पर बहुत स्पष्ट शब्दों में बोलते हैं। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद पाठक शंका न करें कि यह किसी सम्प्रदाय विशेष या धार्मिक नेता के लिए कहा गया है। आचार्य श्री जो कुछ भी कहते हैं, शास्त्र सम्मत है। वेदों -शास्त्रों के प्रमाणों पर आधारित है। वे तो सदैव अपने अनुयायियों के मस्तिष्क में यह सिद्धान्त ही भरते हैं कि निन्दनीय की भी निन्दा मत करो, किसी के प्रति भी दुर्भावना मत करो अन्यथा वह गुरु द्रोही कहलायेगा।
Guru Mantra - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
---|
हमारे देश में धार्मिक नेताओं की बाढ़-सी आयी हुई है। जो शास्त्र-वेद का नाम तक नहीं जानते, वे धर्म के नाम पर केवल अपना व्यापार चला रहे हैं। अनेक प्रकार की भ्रान्तियाँ, जैसे- मंत्र दीक्षा लेना, सम्प्रदायवाद चलाना इत्यादि फैलाकर भोली-भाली जनता को गुमराह कर रहे हैं। यानी धर्म का स्वरूप विकृत हो रहा है।
ऐसी परिस्थिति में यह समझना परमावश्यक है कि गुरु किसे बनाया जाय और गुरु मंत्र अथवा गुरु दीक्षा से क्या तात्पर्य है?
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज इस विषय पर बहुत स्पष्ट शब्दों में बोलते हैं। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद पाठक शंका न करें कि यह किसी सम्प्रदाय विशेष या धार्मिक नेता के लिए कहा गया है। आचार्य श्री जो कुछ भी कहते हैं, शास्त्र सम्मत है। वेदों -शास्त्रों के प्रमाणों पर आधारित है। वे तो सदैव अपने अनुयायियों के मस्तिष्क में यह सिद्धान्त ही भरते हैं कि निन्दनीय की भी निन्दा मत करो, किसी के प्रति भी दुर्भावना मत करो अन्यथा वह गुरु द्रोही कहलायेगा।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | गुरु - सच्चा आध्यात्मिक पथ प्रदर्शक, तत्वज्ञान, छोटी किताब |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | संकलन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 97 |
वजन (ग्राम) | 93 |
आकार | 12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.8 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9788194238690 |