विश्व का प्रत्येक जीव एकमात्र नित्यानन्द की ही खोज में है किन्तु अनन्तानन्त जन्मों के अनवरत प्रयास के पश्चात् भी उस आनन्द का लवलेश भी प्राप्त न हो सका। क्योंकि यह आनन्द केवल भगवान् को जानकर ही प्राप्त होगा। भगवान् को जानने के लिये किसी श्राेत्रिय ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष की शरणागति परमावश्यक है। अहंकार के कारण हम आज तक किसी महापुरुष के शरणागत नहीं हुए।
यह शरणागति क्या है और किस प्रकार श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ गुरु के शरणागत होकर जीव आगे बढ़ सकता है, इत्यादि विषय अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। आचार्य श्री ने इस विषय पर सैकड़ों प्रवचन दिये हैं जो हमारी एक अमूल्य निधि है किन्तु दैनिक जीवन की भाग दौड़ करते हुए सम्भव नहीं है कि हम उनके सभी प्रवचन सुन सकें। अतः उनके गुरु शरणागति सम्बन्धी प्रवचनों के प्रमुख प्रमुख अंशों को पुस्तक रूप में संकलित किया गया है। जो हर साधक के लिये परमोपयोगी है और परमावश्यक भी है। जिससे वह दम्भी गुरुओं के चंगुल से बचकर सही गुरु के शरणागत हो सके।
Guru Sharanagati - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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विश्व का प्रत्येक जीव एकमात्र नित्यानन्द की ही खोज में है किन्तु अनन्तानन्त जन्मों के अनवरत प्रयास के पश्चात् भी उस आनन्द का लवलेश भी प्राप्त न हो सका। क्योंकि यह आनन्द केवल भगवान् को जानकर ही प्राप्त होगा। भगवान् को जानने के लिये किसी श्राेत्रिय ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष की शरणागति परमावश्यक है। अहंकार के कारण हम आज तक किसी महापुरुष के शरणागत नहीं हुए।
यह शरणागति क्या है और किस प्रकार श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ गुरु के शरणागत होकर जीव आगे बढ़ सकता है, इत्यादि विषय अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। आचार्य श्री ने इस विषय पर सैकड़ों प्रवचन दिये हैं जो हमारी एक अमूल्य निधि है किन्तु दैनिक जीवन की भाग दौड़ करते हुए सम्भव नहीं है कि हम उनके सभी प्रवचन सुन सकें। अतः उनके गुरु शरणागति सम्बन्धी प्रवचनों के प्रमुख प्रमुख अंशों को पुस्तक रूप में संकलित किया गया है। जो हर साधक के लिये परमोपयोगी है और परमावश्यक भी है। जिससे वह दम्भी गुरुओं के चंगुल से बचकर सही गुरु के शरणागत हो सके।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | गुरु - सच्चा आध्यात्मिक पथ प्रदर्शक, तत्वज्ञान |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | संकलन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 144 |
वजन (ग्राम) | 179 |
आकार | 14 सेमी X 22 सेमी X 1 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661919 |
very useful!Dec 4, 2022 6:48:59 AM