हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥
यह कलिसंतरणोपनिषद् का मंत्र है। श्री राम, कृष्ण चरणानुरागी प्राय: सभी भक्त इसका जप अथवा संकीर्तन अवश्य ही करते हैं किन्तु इसमें निहित विशेष अलौकिक रस की अनुभूति प्राय: नहीं कर पाते। एतदर्थ इसके विज्ञान को समझना परमावश्यक है। आचार्य श्री ने इस महामन्त्र की बहुत ही अद्भुत व्याख्या की है जो भावुक, तार्किक एवं विद्वज्जनों सभी के लिये परमोपयोगी है।
भक्तियुक्त चित्त द्वारा परमव्याकुलता के साथ, करुण क्रन्दन करते हुये संकीर्तन करने से ही इस महामंत्र का पूर्णरूपेण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
सर्वात्मा, सर्वेश्वर, सर्वसुहृद् श्री हरि को प्रकट करने का एकमात्र उपाय यही है कि रोकर उनके नाम, रूप, लीला, गुण धाम का संकीर्तन
युगायितं निमेषेण चक्षुषा प्रावृषायितम्।
शून्यायितं जगत्सर्वं गोविंदविरहेण मे॥
इस चैतन्योक्ति के अनुसार किया जाय तो करुणानिधान, परम कृपालु सर्वव्यापी श्री कृष्ण तुरन्त ही सगुण साकार रूप में प्रकट हो जायेंगे।
Hare Ram - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥
यह कलिसंतरणोपनिषद् का मंत्र है। श्री राम, कृष्ण चरणानुरागी प्राय: सभी भक्त इसका जप अथवा संकीर्तन अवश्य ही करते हैं किन्तु इसमें निहित विशेष अलौकिक रस की अनुभूति प्राय: नहीं कर पाते। एतदर्थ इसके विज्ञान को समझना परमावश्यक है। आचार्य श्री ने इस महामन्त्र की बहुत ही अद्भुत व्याख्या की है जो भावुक, तार्किक एवं विद्वज्जनों सभी के लिये परमोपयोगी है।
भक्तियुक्त चित्त द्वारा परमव्याकुलता के साथ, करुण क्रन्दन करते हुये संकीर्तन करने से ही इस महामंत्र का पूर्णरूपेण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
सर्वात्मा, सर्वेश्वर, सर्वसुहृद् श्री हरि को प्रकट करने का एकमात्र उपाय यही है कि रोकर उनके नाम, रूप, लीला, गुण धाम का संकीर्तन
युगायितं निमेषेण चक्षुषा प्रावृषायितम्।
शून्यायितं जगत्सर्वं गोविंदविरहेण मे॥
इस चैतन्योक्ति के अनुसार किया जाय तो करुणानिधान, परम कृपालु सर्वव्यापी श्री कृष्ण तुरन्त ही सगुण साकार रूप में प्रकट हो जायेंगे।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | छोटी किताब, तत्वज्ञान |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | संकलन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 47 |
वजन (ग्राम) | 83 |
आकार | 14 सेमी X 22 सेमी X 0.5 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661032 |