पिछले 50-60 वर्षों से जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जीव कल्याणार्थ अथक प्रयास कर रहे हैं। प्रवचन के माध्यम से, संकीर्तन के माध्यम से तथा अन्य साधनों द्वारा स्वयं कष्ट सहकर भी जीवों को श्रीकृष्ण भक्ति की ओर अग्रसर करने के लिये तथा वैदिक सिद्धांतों को सर्वसाधारण तक पहुँचाने के लिये अहर्निश भगीरथ प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, हरिजन, अंग्रेज सभी जाति और सभी सम्प्रदाय के प्रचारक बनाये हैं जो विश्व के कोने-कोने में उनके वैदिक सिद्धांतों का प्रचार कर रहे हैं।
यद्यपि उनके प्रवचनों का संकलन पिछले 25 वर्षों से ही हो पाया है, लेकिन जो निधि अभी उपलब्ध है, वह भी अगाध अपरिमेय समुद्रवत ही है, सब कुछ प्रकाशित करना तो असम्भव ही है। साधकों के प्रेमाग्रह पर यह प्रवचन माधुरी नाम से पुस्तकों की एक शृंखला प्रारम्भ की जा रही है। श्री महाराज जी द्वारा दिये गये प्रवचन एक-एक करके प्रकाशित किये जायेंगे।
‘हम दो हमारे दो’ इस प्रवचन शृंखला की प्रथम कड़ी है।
Hum Do Hamare Do - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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पिछले 50-60 वर्षों से जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जीव कल्याणार्थ अथक प्रयास कर रहे हैं। प्रवचन के माध्यम से, संकीर्तन के माध्यम से तथा अन्य साधनों द्वारा स्वयं कष्ट सहकर भी जीवों को श्रीकृष्ण भक्ति की ओर अग्रसर करने के लिये तथा वैदिक सिद्धांतों को सर्वसाधारण तक पहुँचाने के लिये अहर्निश भगीरथ प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, हरिजन, अंग्रेज सभी जाति और सभी सम्प्रदाय के प्रचारक बनाये हैं जो विश्व के कोने-कोने में उनके वैदिक सिद्धांतों का प्रचार कर रहे हैं।
यद्यपि उनके प्रवचनों का संकलन पिछले 25 वर्षों से ही हो पाया है, लेकिन जो निधि अभी उपलब्ध है, वह भी अगाध अपरिमेय समुद्रवत ही है, सब कुछ प्रकाशित करना तो असम्भव ही है। साधकों के प्रेमाग्रह पर यह प्रवचन माधुरी नाम से पुस्तकों की एक शृंखला प्रारम्भ की जा रही है। श्री महाराज जी द्वारा दिये गये प्रवचन एक-एक करके प्रकाशित किये जायेंगे।
‘हम दो हमारे दो’ इस प्रवचन शृंखला की प्रथम कड़ी है।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | छोटी किताब, तत्वज्ञान |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | प्रवचन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 54 |
वजन (ग्राम) | 65 |
आकार | 12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.5 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661018 |