‘जीव का लक्ष्य’ जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा दी गई इस प्रवचन शृंखला में सात प्रवचन हैं जो उन्होंने भक्ति-धाम मनगढ़ में होली साधना शिविर 2003 में (11 मार्च से 17 मार्च) दिये। सभी श्रोताओं का यह प्रेमाग्रह रहता है कि यदि श्री महाराज जी के प्रवचन पुस्तक रूप में प्राप्त हो जायें तो विषय अधिक हृदयग्राही हो जाता है। सभी प्रवचनों का प्रकाशित होना तो सम्भव ही नहीं है। धीरे-धीरे कुछ-कुछ प्रवचन प्रकाशित किये जा रहे है।
प्रवचन यथार्थ रूप में ही प्रकाशित किये जा रहे हैं। अंग्रेजी के शब्दों का भी हिन्दी अनुवाद नहीं किया गया है जिससे आचार्य श्री के श्रीमुख से नि:सृत वाणी मूल रूप में ही रहे।
Jeev Ka Lakshya - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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‘जीव का लक्ष्य’ जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा दी गई इस प्रवचन शृंखला में सात प्रवचन हैं जो उन्होंने भक्ति-धाम मनगढ़ में होली साधना शिविर 2003 में (11 मार्च से 17 मार्च) दिये। सभी श्रोताओं का यह प्रेमाग्रह रहता है कि यदि श्री महाराज जी के प्रवचन पुस्तक रूप में प्राप्त हो जायें तो विषय अधिक हृदयग्राही हो जाता है। सभी प्रवचनों का प्रकाशित होना तो सम्भव ही नहीं है। धीरे-धीरे कुछ-कुछ प्रवचन प्रकाशित किये जा रहे है।
प्रवचन यथार्थ रूप में ही प्रकाशित किये जा रहे हैं। अंग्रेजी के शब्दों का भी हिन्दी अनुवाद नहीं किया गया है जिससे आचार्य श्री के श्रीमुख से नि:सृत वाणी मूल रूप में ही रहे।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | जीवन परिवर्तनकारी, स्वयं को जानो |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | प्रवचन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 194 |
वजन (ग्राम) | 227 |
आकार | 14 सेमी X 22 सेमी X 1 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661896 |
Book reedApr 22, 2023 4:35:59 PM