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जे के पी लिटरेचर G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka New Delhi, IN
+918588825815 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/621dbb04d3485f1d5934ef35/logo-18-480x480.png" [email protected] 6505a0aabab5856cb9266be1 लीला माधुरी: 12वाँ अध्याय-प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/6505a0acbab5856cb9266c0e/12.jpg जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने बड़ी ही सुंदरता युगल सरकार की अनूठी लीलाओं का वर्णन किया है। इन पदों के माध्यम से वे बताते हैं कि कैसे श्री कृष्ण श्री राधा की सेवा करते हैं। वे श्री राधा रानी के समक्ष खड़े रहने के लिए कैसे छुप कर गोपियों के बीच गोपी बन कर खड़े हो जाते हैं और आशा करते हैं कि उन्हें भी किशोरी जी की निज सेवा मिल जाये। श्री कृष्ण का श्री राधा रानी के प्रति निष्काम प्रेम होने के कारण, उन्हें श्री राधा के प्रेम से अधिक उनकी सेवा करने में आनंद मिलता है। यह विषय जितना अद्भुत एवं गूढ़ है, उतने ही गहन यह पद हैं जिन्हें बड़ी सरल किन्तु उत्कृष्ट ढंग से प्रस्तुत किया गया है। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह "बारहवाँ अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं। PRM Hindi ebook Ch 12in stockINR 150
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