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जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के रोम रोम में राधा कृष्ण के दिव्य प्रेमामृत का सिन्धु समाया हुआ है। श्री महाराज जी के दिव्य प्रेम रस से सराबोर हृदय की मधुर मधुर झनकारें उनके द्वारा रचित सहस्त्रों भक्ति रचनाओं में प्रतिध्वनित होती हैं। इन रचनाओं का प्रत्येक छन्द रस के सिन्धु की भाँति भक्ति की तन्मयता से तरंगित है। इन अनमोल गीतों को पढ़कर हृदय स्वत: ही आनन्द, प्रेम एवं दिव्य ब्रजरस में निमज्जित हो उठता है।

इस पुस्तक में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के इन मूल ग्रन्थों से मनोहारी श्यामसुन्दर के मनमोह​​क कीर्तनों का संग्रह किया गया है।

Mere Nandanandana - Hindi
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मेरे नँदनंदन - हिन्दी

मेरे नँदनंदन - हिन्दी

मन को गद्गद करने वाले मनोहारी श्यामसुन्दर के मनमोह​​क कीर्तनों का संग्रह।
भाषा - हिन्दी

₹116
₹150   (23%छूट)


विशेषताएं
  • जन्माष्टमी पर गाये जाने वाले मनमोहक भजन।
  • विश्व के सबसे मीठे भजन।
  • श्री कृष्ण के रसीले भजन।
  • कृष्ण की नटखट बाल लीला जो आप नहीं जानते।
  • मन अशांत हो तो श्री कृष्ण के ये भजन सुने।
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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के रोम रोम में राधा कृष्ण के दिव्य प्रेमामृत का सिन्धु समाया हुआ है। श्री महाराज जी के दिव्य प्रेम रस से सराबोर हृदय की मधुर मधुर झनकारें उनके द्वारा रचित सहस्त्रों भक्ति रचनाओं में प्रतिध्वनित होती हैं। इन रचनाओं का प्रत्येक छन्द रस के सिन्धु की भाँति भक्ति की तन्मयता से तरंगित है। इन अनमोल गीतों को पढ़कर हृदय स्वत: ही आनन्द, प्रेम एवं दिव्य ब्रजरस में निमज्जित हो उठता है।

इस पुस्तक में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के इन मूल ग्रन्थों से मनोहारी श्यामसुन्दर के मनमोह​​क कीर्तनों का संग्रह किया गया है।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसंकीर्तन
विषयवस्तुछोटी किताब, भक्ति गीत और भजन, तत्वज्ञान
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणसंकीर्तन
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या108
वजन (ग्राम)116
आकार12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.8 सेमी
आई.एस.बी.एन.9788194238607

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