पिचकारी प्रेम की लै गोविंद राधे।
भाव रंग केसर हरि पै डला दे॥
शुद्ध चित्त पिचकारी गोविंद राधे।
माधुर्य भाव रंग हरि पै डला दे॥
जगद्गुरु कृपालु परिषत् की ओर से सभी पाठको को होली पर्व की हार्दिक बधाई।
होली का पर्व साध्य शिरोमणि दिव्य प्रेम प्राप्ति की ओर प्रेरित करता है। तदर्थ श्री श्यामा श्याम नाम, रूप, लीला, गुण, धाम, जन के संकीर्तन द्वारा चित्त शुद्ध करना होगा। तब ही गुरु कृपा द्वारा प्रेम की पिचकारी प्राप्त करके श्यामा श्याम संग होली का दिव्य रस लूटा जा सकेगा।
कृष्ण एव मम स्वामी, कृष्ण एव सखा मम,
कृष्ण एव सुत: प्रेयान्, श्रीकृष्ण: शरणं मम।
दास्यभावेन सख्येन, वात्सल्येन यदा कदा,
नित्यं माधुर्यभावेन, श्रीकृष्ण: सेव्यते मया।
सद्गुरु श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम।
Sadhan Sadhya - Holi 2016प्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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पिचकारी प्रेम की लै गोविंद राधे।
भाव रंग केसर हरि पै डला दे॥
शुद्ध चित्त पिचकारी गोविंद राधे।
माधुर्य भाव रंग हरि पै डला दे॥
जगद्गुरु कृपालु परिषत् की ओर से सभी पाठको को होली पर्व की हार्दिक बधाई।
होली का पर्व साध्य शिरोमणि दिव्य प्रेम प्राप्ति की ओर प्रेरित करता है। तदर्थ श्री श्यामा श्याम नाम, रूप, लीला, गुण, धाम, जन के संकीर्तन द्वारा चित्त शुद्ध करना होगा। तब ही गुरु कृपा द्वारा प्रेम की पिचकारी प्राप्त करके श्यामा श्याम संग होली का दिव्य रस लूटा जा सकेगा।
कृष्ण एव मम स्वामी, कृष्ण एव सखा मम,
कृष्ण एव सुत: प्रेयान्, श्रीकृष्ण: शरणं मम।
दास्यभावेन सख्येन, वात्सल्येन यदा कदा,
नित्यं माधुर्यभावेन, श्रीकृष्ण: सेव्यते मया।
सद्गुरु श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | आध्यात्मिक पत्रिका |
फॉर्मेट | पत्रिका |
लेखक | परम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आकार | 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी |