होली के पावन पर्व पर सभी साधकों को हार्दिक बधाई।
साधन साध्य का यह अंक श्री महाराज जी द्वारा निर्मित मन्दिरों को समर्पित है। जो भी उन्होंने मन्दिर बनवाये हैं सभी भक्ति रस से परिपूर्ण हैं। पत्थर पत्थर से प्रेम रस की धारा प्रवाहित होती है। भक्ति मन्दिर-भक्ति धाम जहाँ भक्ति का दिव्य सन्देश प्रसारित करते हुये दर्शनार्थियों को भक्तिरस में बरबस विभोर कर देता है वहीं प्रेम मन्दिर, श्री वृन्दावन धाम श्री श्यामा श्याम की मधुरातिमधुर लीलाओं को प्रकट करते हुये दर्शनार्थियों को प्रेम रस सागर में डुबो देता है कोई अश्रद्धालु भी वहाँ आता है तो चारों ओर श्री राधाकृष्ण लीलाओं की दिव्य छवि देखकर श्रद्धा से नतमस्तक हो श्री राधाकृष्ण भक्ति के मार्ग पर चलना प्रारम्भ कर देता है।
श्री रँगीली महल, बरसाना धाम स्थित कीर्ति मन्दिर तो मानों भक्ति मन्दिर और प्रेम मन्दिर दोनों का ही अद्भुत रस प्रदान करने वाला देवालय है जहाँ श्री राधारानी अपने बाल स्वरूप में अपनी माँ कीर्ति की गोद में अप्रतिम सौन्दर्य के साथ विराजित हैं। प्रेम तत्व की सार श्री राधारानी की माँ को समर्पित यह मन्दिर सभी मन्दिरों के पावर हाउस की तरह है जहाँ भक्ति प्रेम आनन्द रस सभी ही अनन्त अनन्त मात्रा में हैं।
यह सब मन्दिर भगवान् को समर्पित हैं इसी शृंखला में श्री महाराज जी की तीनों सुपुत्रियों द्वारा भक्ति-धाम में नव निर्मित गुरु धाम, भक्ति मन्दिर सभी भक्तों की भावना का मूर्तिमान स्वरूप है।
Sadhan Sadhya - Holi 2021प्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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होली के पावन पर्व पर सभी साधकों को हार्दिक बधाई।
साधन साध्य का यह अंक श्री महाराज जी द्वारा निर्मित मन्दिरों को समर्पित है। जो भी उन्होंने मन्दिर बनवाये हैं सभी भक्ति रस से परिपूर्ण हैं। पत्थर पत्थर से प्रेम रस की धारा प्रवाहित होती है। भक्ति मन्दिर-भक्ति धाम जहाँ भक्ति का दिव्य सन्देश प्रसारित करते हुये दर्शनार्थियों को भक्तिरस में बरबस विभोर कर देता है वहीं प्रेम मन्दिर, श्री वृन्दावन धाम श्री श्यामा श्याम की मधुरातिमधुर लीलाओं को प्रकट करते हुये दर्शनार्थियों को प्रेम रस सागर में डुबो देता है कोई अश्रद्धालु भी वहाँ आता है तो चारों ओर श्री राधाकृष्ण लीलाओं की दिव्य छवि देखकर श्रद्धा से नतमस्तक हो श्री राधाकृष्ण भक्ति के मार्ग पर चलना प्रारम्भ कर देता है।
श्री रँगीली महल, बरसाना धाम स्थित कीर्ति मन्दिर तो मानों भक्ति मन्दिर और प्रेम मन्दिर दोनों का ही अद्भुत रस प्रदान करने वाला देवालय है जहाँ श्री राधारानी अपने बाल स्वरूप में अपनी माँ कीर्ति की गोद में अप्रतिम सौन्दर्य के साथ विराजित हैं। प्रेम तत्व की सार श्री राधारानी की माँ को समर्पित यह मन्दिर सभी मन्दिरों के पावर हाउस की तरह है जहाँ भक्ति प्रेम आनन्द रस सभी ही अनन्त अनन्त मात्रा में हैं।
यह सब मन्दिर भगवान् को समर्पित हैं इसी शृंखला में श्री महाराज जी की तीनों सुपुत्रियों द्वारा भक्ति-धाम में नव निर्मित गुरु धाम, भक्ति मन्दिर सभी भक्तों की भावना का मूर्तिमान स्वरूप है।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | आध्यात्मिक पत्रिका |
फॉर्मेट | पत्रिका |
लेखक | परम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आकार | 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी |