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होली के पावन पर्व पर सभी साधकों को हार्दिक बधाई!

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी होली का त्यौहार परम प्रिय आचार्य श्री के सान्निध्य में बिताये गये दिनों की मधुर यादें लेकर आया है। होली का रंग गुरुवर के संग। किस प्रकार हास परिहास मनोविनोद करते हुए उन्होंने भक्ति रस लुटाया है। भगवान् की सर्वव्यापकता के सिद्धान्त का सन्देश देते हुए सभी साधकों को बार बार जगाया है। उठाया है, पढ़ाया है, याद कराया है। एक क्षण को भी यह न भूलो कि हरि गुरु सदा सर्वत्र साथ हैं। बस यही होली मनाने का उद्देश्य है। किन्तु इस अंक में उनके इस नये स्वरूप 'गुरु धाम भक्ति मन्दिर' का संक्षिप्त वर्णन किया जा रहा है। जो युगों युगों तक भक्तियोगरसावतार, निखिलदर्शन, समन्वयाचार्य इत्यादि अनन्त गुणों से युक्त उनके अलौकिक चरित्र, उनकी करुणा, उनकी कृपा, उनका ज्ञान एवं प्रेम रस का बखान करते हुए जीवों का मार्ग दर्शन करता रहेगा।

गुरुधाम ही प्राणों से प्यारा लगे,
गुरुधाम में मोहिं बसाये रहो।
नित गुरु का ही सुमिरन मैं करूँ,
जग जाल से मोहिं बचाये रहो ॥

Sadhan Sadhya - Holi 2022
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साधन साध्य - होली 2022 - हिन्दी

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भाषा - हिन्दी

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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

होली के पावन पर्व पर सभी साधकों को हार्दिक बधाई!

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी होली का त्यौहार परम प्रिय आचार्य श्री के सान्निध्य में बिताये गये दिनों की मधुर यादें लेकर आया है। होली का रंग गुरुवर के संग। किस प्रकार हास परिहास मनोविनोद करते हुए उन्होंने भक्ति रस लुटाया है। भगवान् की सर्वव्यापकता के सिद्धान्त का सन्देश देते हुए सभी साधकों को बार बार जगाया है। उठाया है, पढ़ाया है, याद कराया है। एक क्षण को भी यह न भूलो कि हरि गुरु सदा सर्वत्र साथ हैं। बस यही होली मनाने का उद्देश्य है। किन्तु इस अंक में उनके इस नये स्वरूप 'गुरु धाम भक्ति मन्दिर' का संक्षिप्त वर्णन किया जा रहा है। जो युगों युगों तक भक्तियोगरसावतार, निखिलदर्शन, समन्वयाचार्य इत्यादि अनन्त गुणों से युक्त उनके अलौकिक चरित्र, उनकी करुणा, उनकी कृपा, उनका ज्ञान एवं प्रेम रस का बखान करते हुए जीवों का मार्ग दर्शन करता रहेगा।

गुरुधाम ही प्राणों से प्यारा लगे,
गुरुधाम में मोहिं बसाये रहो।
नित गुरु का ही सुमिरन मैं करूँ,
जग जाल से मोहिं बचाये रहो ॥

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिआध्यात्मिक पत्रिका
फॉर्मेटपत्रिका
लेखकराधा गोविंद समिति
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या72
वजन (ग्राम)223
आकार21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी

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