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61c08108f6b3ab08f7aa0987 साधन साध्य - शरत्पूर्णिमा 2016 - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/61c1c1041444e5ac84de6936/sp16.jpg

शरत्पूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी श्री श्यामा श्याम प्रेमरस रसिक जन एवं प्रेम रस पिपासु साधकों को हार्दिक बधाई।

प्रेमावतार परम प्रिय गुरुवर द्वारा साध्य शिरोमणि माधुर्य भाव युक्त श्री कृष्ण निष्काम प्रेम प्राप्ति हेतु अनेक प्रकार से भागीरथ प्रयास किया गया। कलियुगी जीवों को प्रेम मार्ग का पथिक बनाने के लिये असंख्य प्रवचन दिये एवं ब्रजरस में सराबोर करने वाले असंख्य संकीर्तनों की भी रचना की। इन्हीं संकीर्तनों द्वारा श्री श्यामा श्याम नाम, रूप, लीला, गुण, धाम का गान कराकर दिव्य प्रेम पात्र बनाने का पाठ पढ़ाया। भक्ति-धाम मनगढ़ में भक्तियोगरसावतार गुरुवर के मार्गदर्शन में यह पचासवाँ साधना शिविर है। साधना शिविर की स्वर्ण जयन्ती पर सभी साधकों से निवेदन है कि श्री गुरुवर के द्वारा प्रकट सिद्धान्तों का शतश: पालन करते हुए शीघ्रातिशीघ्र दिव्य प्रेम प्राप्ति हेतु अपना पात्र तैयार कर लें, प्रेम स्वरूप गुरुवर किसी भी रूप में आकर अवश्य प्रेम दान करेंगे।

यही उपहार उनके जन्म दिन पर और भक्तियोग साधना शिविर की स्वर्ण जयन्ती पर उनके श्री चरणों में समर्पित करते हैं।

Sadhan Sadhya - Sharad Poornima 2016
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साधन साध्य - शरत्पूर्णिमा 2016 - हिन्दी

भाषा - हिन्दी

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विवरण

शरत्पूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी श्री श्यामा श्याम प्रेमरस रसिक जन एवं प्रेम रस पिपासु साधकों को हार्दिक बधाई।

प्रेमावतार परम प्रिय गुरुवर द्वारा साध्य शिरोमणि माधुर्य भाव युक्त श्री कृष्ण निष्काम प्रेम प्राप्ति हेतु अनेक प्रकार से भागीरथ प्रयास किया गया। कलियुगी जीवों को प्रेम मार्ग का पथिक बनाने के लिये असंख्य प्रवचन दिये एवं ब्रजरस में सराबोर करने वाले असंख्य संकीर्तनों की भी रचना की। इन्हीं संकीर्तनों द्वारा श्री श्यामा श्याम नाम, रूप, लीला, गुण, धाम का गान कराकर दिव्य प्रेम पात्र बनाने का पाठ पढ़ाया। भक्ति-धाम मनगढ़ में भक्तियोगरसावतार गुरुवर के मार्गदर्शन में यह पचासवाँ साधना शिविर है। साधना शिविर की स्वर्ण जयन्ती पर सभी साधकों से निवेदन है कि श्री गुरुवर के द्वारा प्रकट सिद्धान्तों का शतश: पालन करते हुए शीघ्रातिशीघ्र दिव्य प्रेम प्राप्ति हेतु अपना पात्र तैयार कर लें, प्रेम स्वरूप गुरुवर किसी भी रूप में आकर अवश्य प्रेम दान करेंगे।

यही उपहार उनके जन्म दिन पर और भक्तियोग साधना शिविर की स्वर्ण जयन्ती पर उनके श्री चरणों में समर्पित करते हैं।

विशेष विवरण

भाषा हिन्दी
शैली / रचना-पद्धति आध्यात्मिक पत्रिका
फॉर्मेट पत्रिका
लेखक परम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी
प्रकाशक राधा गोविंद समिति
आकार 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी

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