जगद्गुरूत्तम जयन्ती शरत्पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।
धन्यातिधन्य है भक्ति-धाम, धन्यातिधन्य है मनगढ़ ग्राम जहाँ भक्ति के परम आचार्य, भक्तियोगरसावतार जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज का अवतरण हुआ। सभी शास्त्रों वेदों का समन्वयवादी सिद्धान्त प्रस्तुत करते हुए आपने जन जन में, घर घर में भक्ति को स्थापित किया।
दैनिक जीवन की भागदौड़ करते हुए किस प्रकार भगवान् का स्मरण किया जाय, इसको उन्होंने विभिन्न प्रकार से समझाया और समय समय पर भक्तियोग साधना शिविर आयोजित किये, जो आज भी उनकी तीनों सुपुत्रियों के मार्ग दर्शन में आयोजित किये जाते हैं।
भक्ति-धाम मनगढ़ में शरत्पूर्णिमा के पावन अवसर पर 1 माह का साधना शिविर और होली के अवसर पर 15 दिन का साधना शिविर भक्ति-भवन, भक्ति धाम में हर वर्ष आयोजित होता है। साथ ही प्रेम भवन, श्रीवृन्दावन धाम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर और रँगीली महल, बरसाना में श्री राधाष्टमी के अवसर पर पाँच दिवसीय साधना शिविर आयोजित किये जाते हैं। साथ ही उनकी तीनों सुपुत्रियाँ (जे.के.पी प्रमुख) जगह जगह घूम घूम कर सभी भक्तों को श्री महाराज जी के सिद्धान्तों के अनुसार जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस अंक में अत्यधिक संक्षिप्त रूप में श्री महाराज जी द्वारा निरूपित साधना भक्ति का वर्णन किया गया है।
Sadhan Sadhya - Sharad Poornima 2018प्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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जगद्गुरूत्तम जयन्ती शरत्पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।
धन्यातिधन्य है भक्ति-धाम, धन्यातिधन्य है मनगढ़ ग्राम जहाँ भक्ति के परम आचार्य, भक्तियोगरसावतार जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज का अवतरण हुआ। सभी शास्त्रों वेदों का समन्वयवादी सिद्धान्त प्रस्तुत करते हुए आपने जन जन में, घर घर में भक्ति को स्थापित किया।
दैनिक जीवन की भागदौड़ करते हुए किस प्रकार भगवान् का स्मरण किया जाय, इसको उन्होंने विभिन्न प्रकार से समझाया और समय समय पर भक्तियोग साधना शिविर आयोजित किये, जो आज भी उनकी तीनों सुपुत्रियों के मार्ग दर्शन में आयोजित किये जाते हैं।
भक्ति-धाम मनगढ़ में शरत्पूर्णिमा के पावन अवसर पर 1 माह का साधना शिविर और होली के अवसर पर 15 दिन का साधना शिविर भक्ति-भवन, भक्ति धाम में हर वर्ष आयोजित होता है। साथ ही प्रेम भवन, श्रीवृन्दावन धाम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर और रँगीली महल, बरसाना में श्री राधाष्टमी के अवसर पर पाँच दिवसीय साधना शिविर आयोजित किये जाते हैं। साथ ही उनकी तीनों सुपुत्रियाँ (जे.के.पी प्रमुख) जगह जगह घूम घूम कर सभी भक्तों को श्री महाराज जी के सिद्धान्तों के अनुसार जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस अंक में अत्यधिक संक्षिप्त रूप में श्री महाराज जी द्वारा निरूपित साधना भक्ति का वर्णन किया गया है।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | आध्यात्मिक पत्रिका |
फॉर्मेट | पत्रिका |
लेखक | परम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आकार | 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी |