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61c08111a171738faf74004c साधन साध्य - शरत्पूर्णिमा 2019 - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/61c1c0f59098dd3017e99fa2/sp19.jpg

शरत्पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।

शरत्पूर्णिमा जगद्गुरूत्तम जयन्ती प्रिय गुरुवर की अनन्त मधुर स्मृतियों, अनन्त लीलाओं, अनन्त गुणों, अनन्त उपकारों का अनन्त काल तक यशोगान करने वाले उनके दिव्य स्मारक के उद्घाटन समारोह की शुभ सूचना लेकर आया है। सभी साधक इस भव्यातिभव्य मन्दिर के खुलने की अत्यधिक उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके निर्माण कार्य में श्री महाराज जी की असीम अनुकम्पा, प्रेरणा के साथ साथ जे.के.पी. अध्यक्षाओं (जिन्हें प्यार से सभी साधक बड़ी दीदी, मंझली दीदी एवं छोटी दीदी कहकर सम्बोधित करते हैं) का कठिन प्रयास अत्यधिक सराहनीय है।

शरत्पूर्णिमा महोत्सव हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ पर्व है, इस मंगलमय पर्व पर हम सब संकल्प करें कि अपना सर्वस्व गुरु सेवा में ही समर्पित कर दें। हमारा रोम रोम हरि गुरु गुणगान में ही लगा रहे। श्री गुरुवर की मधुर यादों के सहारे साधना पथ पर आगे बढ़ते रहें, कभी न कभी अवश्य मंजिल पर पहुँच जायेंगें। हम उनके अनन्त उपकारों के बदले उन्हें क्या दे सकते हैं। सदा सदा उनका आभार मानते हुए उनके सिद्धान्तों का पालन करते हुए जीवन व्यतीत करें। जिन्होंने अपना सर्वस्व जीवकल्याण हित समर्पित कर दिया, जीवकल्याण ही अपनी सभी क्रियाओं का लक्ष्य माना, ऐसे महापरोपकारी अकारण करुण सद्गुरु देव की सदा ही जय हो।

Sadhan Sadhya - Sharad Poornima 2019
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साधन साध्य - शरत्पूर्णिमा 2019 - हिन्दी

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विवरण

शरत्पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्तों को हार्दिक बधाई।

शरत्पूर्णिमा जगद्गुरूत्तम जयन्ती प्रिय गुरुवर की अनन्त मधुर स्मृतियों, अनन्त लीलाओं, अनन्त गुणों, अनन्त उपकारों का अनन्त काल तक यशोगान करने वाले उनके दिव्य स्मारक के उद्घाटन समारोह की शुभ सूचना लेकर आया है। सभी साधक इस भव्यातिभव्य मन्दिर के खुलने की अत्यधिक उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके निर्माण कार्य में श्री महाराज जी की असीम अनुकम्पा, प्रेरणा के साथ साथ जे.के.पी. अध्यक्षाओं (जिन्हें प्यार से सभी साधक बड़ी दीदी, मंझली दीदी एवं छोटी दीदी कहकर सम्बोधित करते हैं) का कठिन प्रयास अत्यधिक सराहनीय है।

शरत्पूर्णिमा महोत्सव हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ पर्व है, इस मंगलमय पर्व पर हम सब संकल्प करें कि अपना सर्वस्व गुरु सेवा में ही समर्पित कर दें। हमारा रोम रोम हरि गुरु गुणगान में ही लगा रहे। श्री गुरुवर की मधुर यादों के सहारे साधना पथ पर आगे बढ़ते रहें, कभी न कभी अवश्य मंजिल पर पहुँच जायेंगें। हम उनके अनन्त उपकारों के बदले उन्हें क्या दे सकते हैं। सदा सदा उनका आभार मानते हुए उनके सिद्धान्तों का पालन करते हुए जीवन व्यतीत करें। जिन्होंने अपना सर्वस्व जीवकल्याण हित समर्पित कर दिया, जीवकल्याण ही अपनी सभी क्रियाओं का लक्ष्य माना, ऐसे महापरोपकारी अकारण करुण सद्गुरु देव की सदा ही जय हो।

विशेष विवरण

भाषा हिन्दी
शैली / रचना-पद्धति आध्यात्मिक पत्रिका
फॉर्मेट पत्रिका
लेखक परम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी
प्रकाशक राधा गोविंद समिति
आकार 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी

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