साधना करते समय साधक को अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। थोड़ी सी भी असावधानी से उसका सारा परिश्रम व्यर्थ चला जाता है। लापरवाही के कारण वह जितना कमाता है उससे अधिक गवाँ देता है। साधना करते समय अनेक प्रकार की बाधायें आती हैं, उस समय किस प्रकार से आगे बढ़ा जाय, यह समझना परमावश्यक है। समय समय पर श्री महाराज जी ने अत्यधिक आत्मीयता के साथ इस विषय पर प्रकाश डालते हुए साधकों को समझाया है। कई बार कठोर शिक्षक की भाँति भी व्यवहार किया है। परम हितैषी, सद्गुरु वैद्य परम कृपालु गुरुवर द्वारा भवरोग औषधि के साथ साथ जो परहेज आवश्यक है, वह इस पुस्तक में उन्हीं के शब्दों में प्रकाशित किया गया है।
Sadhna Me Badha - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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साधना करते समय साधक को अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। थोड़ी सी भी असावधानी से उसका सारा परिश्रम व्यर्थ चला जाता है। लापरवाही के कारण वह जितना कमाता है उससे अधिक गवाँ देता है। साधना करते समय अनेक प्रकार की बाधायें आती हैं, उस समय किस प्रकार से आगे बढ़ा जाय, यह समझना परमावश्यक है। समय समय पर श्री महाराज जी ने अत्यधिक आत्मीयता के साथ इस विषय पर प्रकाश डालते हुए साधकों को समझाया है। कई बार कठोर शिक्षक की भाँति भी व्यवहार किया है। परम हितैषी, सद्गुरु वैद्य परम कृपालु गुरुवर द्वारा भवरोग औषधि के साथ साथ जो परहेज आवश्यक है, वह इस पुस्तक में उन्हीं के शब्दों में प्रकाशित किया गया है।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | छोटी किताब, अभ्यास की शक्ति |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | संकलन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 89 |
वजन (ग्राम) | 95 |
आकार | 12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.8 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661551 |