कर्मयोग की क्रियात्मक साधना के अभ्यास हेतु प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के मार्ग दर्शन में एक विशाल साधना शिविर, भक्ति-धाम मनगढ़ में आयोजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त होली के पावन पर्व पर भी साधना-शिविर होता है।
प्रत्येक साधना-शिविर से पहले श्री महाराज जी साधना सम्बन्धी निर्देश देते हैं। अगर उन नियमों को ठीक-ठीक पालन किया जाय तो साधक शीघ्रातिशीघ्र अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
श्री महाराज जी अत्यधिक कठिन परिश्रम करते हैं और साधकों से भी आशा करते हैं कि साधना सम्बन्धी नियमों का पालन करते हुये क्षण-क्षण हरि गुरु स्मरण में ही व्यतीत करें।
इस पुस्तक में अक्टूबर 1987, अक्टूबर 2005, अक्टूबर 2007 तथा अक्टूबर 2010 साधना शिविर में दिये गये निर्देश प्रकाशित किये जा रहे हैं।
Sadhna Niyam - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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कर्मयोग की क्रियात्मक साधना के अभ्यास हेतु प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के मार्ग दर्शन में एक विशाल साधना शिविर, भक्ति-धाम मनगढ़ में आयोजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त होली के पावन पर्व पर भी साधना-शिविर होता है।
प्रत्येक साधना-शिविर से पहले श्री महाराज जी साधना सम्बन्धी निर्देश देते हैं। अगर उन नियमों को ठीक-ठीक पालन किया जाय तो साधक शीघ्रातिशीघ्र अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
श्री महाराज जी अत्यधिक कठिन परिश्रम करते हैं और साधकों से भी आशा करते हैं कि साधना सम्बन्धी नियमों का पालन करते हुये क्षण-क्षण हरि गुरु स्मरण में ही व्यतीत करें।
इस पुस्तक में अक्टूबर 1987, अक्टूबर 2005, अक्टूबर 2007 तथा अक्टूबर 2010 साधना शिविर में दिये गये निर्देश प्रकाशित किये जा रहे हैं।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
विषयवस्तु | छोटी किताब, अभ्यास की शक्ति |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | संकलन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 96 |
वजन (ग्राम) | 106 |
आकार | 12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.8 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661025 |