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जे के पी लिटरेचर G-12, G-14, Plot No-4 CSC, HAF Sector-10, Dwarka New Delhi, IN
+918588825815 https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/621dbb04d3485f1d5934ef35/logo-18-480x480.png" [email protected] 6505a0a331a8916c6c975da2 श्री राधा माधुरी: 10वाँ अध्याय-प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/6505a0a431a8916c6c975dd3/10.jpg इन 57 पदों में श्री राधा के सौंदर्य, उनके दिव्य गुण और ब्रज के सर्वोच्च निष्काम प्रेम का दान करने वाले उनके स्वभाव को उजागर किया गया है। जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज आध्यात्मिक पथ पर चलने वाले साधकों से अनुरोध करते हैं कि वे मन से श्री राधा रानी के दिव्य सुंदर स्वरूप का ध्यान करते हुए उनके नाम का जप करें। जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने श्री राधा रानी का नख से शिख तक सम्पूर्ण विवरण किया है। श्री राधा रानी निष्काम दिव्य प्रेम का अपार सागर हैं और सभी दिव्य गुणों का भंडार हैं। श्री राधा रानी कृपा, दया और उदारता का प्रतीक हैं। भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह दसवां अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं। PRM Hindi ebook Ch 10in stockINR 150
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