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9789380661186 619c91860da9d22a7a6c6d51 श्री राधारानी कीर्ति कुमारी - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/619cf7c04b32d84c404110c6/060-book-boxset-small-spine-mockup-covervault.jpg

अनन्तब्रह्माण्डनायक आनन्दकन्द सच्चिदानन्द श्रीकृष्णचन्द्र भी जिनकी आराधना करते हैं, उन आनन्दकन्द को भी आनन्द प्रदान करने वाली शक्ति, श्रीराधा का निरूपण सर्वथा अनिर्वचनीय है। फिर भी जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने जीव कल्याण हेतु अपने प्रवचनों में और साहित्य में इसका विस्तृत विवेचन किया है। जबकि पूर्ववर्ती किसी भी आचार्य ने इतना विस्तृत वर्णन नहीं किया है।

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने श्रीराधा गुणगान, उनके नाम रूप, लीला, धाम, जन के ध्यानयुक्त संकीर्तन का विश्वव्यापी प्रचार करके विश्व का महान उपकार किया है। अपने अनेक प्रवचनों में शास्त्रीय प्रमाण देते हुए उन्होंने श्री राधा को अद्वितीय तत्व बताया है और श्रीकृष्ण को उनका ही दूसरा अपर अभिन्न स्वरूप। प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य श्री द्वारा जो श्री राधा की बाल लीलाओं का वर्णन स्वरचित पद व्याख्याओं द्वारा किया गया है उसका संकलन किया गया है। श्रीराधाकृष्ण भक्तों के लिए एक अमूल्य निधि है।

Shri Radharani Kirti Kumari - Hindi
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श्री राधारानी कीर्ति कुमारी - हिन्दी

श्री राधारानी कीर्ति कुमारी - हिन्दी

श्री राधेरानी एवं माँ कीर्ति की अलौकिक कथा।
भाषा - हिन्दी

₹168
₹250   (33%छूट)


विशेषताएं
  • राधा कौन हैं? और राधारानी का वास्तविक स्वरूप क्या है?
  • श्री राधारानी का दिव्य स्वरूप, उनके दिव्य गुणों एवं उनकी कृपा का अद्भुत निरूपण।
  • श्री राधारानी की बाल लीला का मनोहारी वर्णन।
  • श्री राधेरानी की महिमा, कृपा, गुणों का वर्णन रसभरे दोहों एवं पदों के रूप में।
  • राधारानी के विषय में सम्पूर्ण जानकारी पाने के लिये आज ही पढ़े श्री राधेरानी कीर्ति कुमारी।
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प्रकारविक्रेतामूल्यमात्रा

विवरण

अनन्तब्रह्माण्डनायक आनन्दकन्द सच्चिदानन्द श्रीकृष्णचन्द्र भी जिनकी आराधना करते हैं, उन आनन्दकन्द को भी आनन्द प्रदान करने वाली शक्ति, श्रीराधा का निरूपण सर्वथा अनिर्वचनीय है। फिर भी जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने जीव कल्याण हेतु अपने प्रवचनों में और साहित्य में इसका विस्तृत विवेचन किया है। जबकि पूर्ववर्ती किसी भी आचार्य ने इतना विस्तृत वर्णन नहीं किया है।

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने श्रीराधा गुणगान, उनके नाम रूप, लीला, धाम, जन के ध्यानयुक्त संकीर्तन का विश्वव्यापी प्रचार करके विश्व का महान उपकार किया है। अपने अनेक प्रवचनों में शास्त्रीय प्रमाण देते हुए उन्होंने श्री राधा को अद्वितीय तत्व बताया है और श्रीकृष्ण को उनका ही दूसरा अपर अभिन्न स्वरूप। प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य श्री द्वारा जो श्री राधा की बाल लीलाओं का वर्णन स्वरचित पद व्याख्याओं द्वारा किया गया है उसका संकलन किया गया है। श्रीराधाकृष्ण भक्तों के लिए एक अमूल्य निधि है।

विशेष विवरण

भाषाहिन्दी
शैली / रचना-पद्धतिसिद्धांत
विषयवस्तुछोटी किताब, तत्वज्ञान
फॉर्मेटपेपरबैक
वर्गीकरणसंकलन
लेखकजगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज
प्रकाशकराधा गोविंद समिति
पृष्ठों की संख्या96
वजन (ग्राम)127
आकार14 सेमी X 22 सेमी X 0.8 सेमी
आई.एस.बी.एन.9789380661186

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