ब्रजरस में सराबोर करने वाला युगल-शतक एक अद्वितीय एवं अनुपमेय ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में श्री कृष्ण के पचास पद तथा श्री राधारानी के पचास पद संकलित किये गये हैं। कृपा स्वरूपा राधारानी के दिव्य धाम बरसाना में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा यह अमूल्य निधि प्राप्त हुई। इन पदों में निहित रस का रसास्वादन तो कोई रसिक ही कर सकता है फिर भी पाठक पढ़ने के बाद अनुभव करेंगे, ऐसा रस कभी नहीं मिला। श्री महाराज जी जब नया पद सुनाते हैं तो मूर्तिमान रस ही प्रतीत होते हैं। ऐसा लगता है मानो वह रस भी हैं और रसास्वादक भी।
प्रज्ञा चक्षु वालों के लिए भी और ब्रज रस पिपासु भावुक भक्तों के लिये भी यह ग्रन्थ अत्यधिक उपयोगी है; क्योंकि इन पदों में केवल लीला-माधुरी और शृंगार माधुरी ही नहीं है, सिद्धान्त पक्ष का भी समावेश है।
Yugal Shatak - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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ब्रजरस में सराबोर करने वाला युगल-शतक एक अद्वितीय एवं अनुपमेय ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में श्री कृष्ण के पचास पद तथा श्री राधारानी के पचास पद संकलित किये गये हैं। कृपा स्वरूपा राधारानी के दिव्य धाम बरसाना में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा यह अमूल्य निधि प्राप्त हुई। इन पदों में निहित रस का रसास्वादन तो कोई रसिक ही कर सकता है फिर भी पाठक पढ़ने के बाद अनुभव करेंगे, ऐसा रस कभी नहीं मिला। श्री महाराज जी जब नया पद सुनाते हैं तो मूर्तिमान रस ही प्रतीत होते हैं। ऐसा लगता है मानो वह रस भी हैं और रसास्वादक भी।
प्रज्ञा चक्षु वालों के लिए भी और ब्रज रस पिपासु भावुक भक्तों के लिये भी यह ग्रन्थ अत्यधिक उपयोगी है; क्योंकि इन पदों में केवल लीला-माधुरी और शृंगार माधुरी ही नहीं है, सिद्धान्त पक्ष का भी समावेश है।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | संकीर्तन |
विषयवस्तु | सर्वोत्कृष्ट रचना, भक्ति गीत और भजन, तत्वज्ञान, रूपध्यान |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | प्रमुख रचना |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 228 |
वजन (ग्राम) | 280 |
आकार | 14 सेमी X 22 सेमी X 1.5 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661988 |