Braj Ras Madhuri Vol. 3 - Hindi (New Edition)

Simple hummable poems explaining profound philosophy

₹ 366.00 INR ₹ 225.00 INR

HURRY! ONLY LEFT IN STOCK.

People are viewing this right now
Description

These songs highlight the devotional principles to be followed and describe the loving pastimes and form of Shri Radha Krishna to be meditated upon ... Foreword

Devotional expressions endlessly arose in the heart of Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj manifesting in the form of his exquisite writings, like this collection of devotional songs. Aspirants traversing their spiritual journey and those yearning to experience bhakti yoga and the spiritual awakening it stimulates will both derive benefit. These Krishna bhajans and Radha bhajans are powerful tools that harness a happy mind through the proliferation of happy thoughts.

Braj Ras Madhuri - 3 contains poetic depictions of Radha Krishna love to warm the heart and appease the agony of the mind. The meditation images Kripalu Ji Maharaj generates are vivid and vibrant. The devotional point behind his compositions is soon realised as the mind’s tendencies shift from mundane preoccupations to the pursuit of happiness, releasing tension and dissipating symptoms of depression.

What's new

The latest edition of Braj Braj Ras Madhuri is a comprehensive spiritual treasure designed to deepen your devotional experience. This edition brings enhanced categorization that allows you to find kirtans by themes, making it easier than ever to immerse yourself in the devotional essence of each subject.

With sections covering Naam Sankirtan, Sadguru Sarkar, Shri Radha, Shri Krishan, Shri Radha-Krishan, Braj Ras Leela, and many more, you can now access your favorite kirtans based on specific themes, all organized for effortless navigation. Each melody also comes with a unique identification number, simplifying the process of singing along to these beautiful compositions.

In a special addition, this edition includes rare, previously unpublished lines by Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj, offering a deeper connection to his teachings.

Hindi Description

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की पुस्तक ब्रजरस माधुरी में उनके द्वारा रचित काव्य, काव्य ही नहीं अपितु, उनके दिव्य प्रेम से ओतप्रोत हृदय की मधुर-मधुर झनकारें हैं। जैसा कि पुस्तक के नाम से ही स्पष्ट है, दिव्य रसों में सर्वश्रेष्ठ ब्रजरस का माधुर्य निर्झरित होता है इस पुस्तक के संकीर्तनों से। प्रत्येक जीव आनन्द स्वरूप भगवान् का सनातन अंश है। अतएव अपने अंशी भगवान् को प्राप्त करके ही उसे वास्तविक आनन्द की प्राप्ति हो सकती है। समस्त भगवत्स्वरूपों में ब्रज के श्री राधाकृष्ण का स्वरूप ही मधुरतम है। अतएव उन्हीं की भक्ति से ही दिव्यानन्द के उज्ज्वलतम स्वरूप की प्राप्ति सम्भव है। श्री राधाकृष्ण-भक्ति की आधारशिलायें हैं- दीनता, अनन्यता एवं निष्कामता, (ब्रह्मलोक पर्यंत के सुखों एवं पाँचों प्रकार की मुक्तियों की कामना का परित्याग)। किन्तु कलियुग के विशेषरूपेण पतित जीवों के हृदय में इन बातों को उतारना, और वह भी ऐसे समय में जब अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिये अहंकार युक्त इस जीव की झूठी प्रशंसा करके उसके अहंकार को और अधिक वर्धित करने वाले एवं सांसारिक कामनाओं की सिद्धि के लिये ही ईश्वर-भक्ति का उपदेश देने वाले लोकरंजक उपदेशक ही चारों ओर विद्यमान हों, अत्यन्त ही दुरूह कार्य है। किन्तु जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की भक्ति रचनाओं की यह अभूतपूर्व विशेषता है कि वे इस असम्भव से कार्य को भी सहज ही सम्भव कर देती हैं। संकीर्तनों में व्यक्त भाव इतने मार्मिक व हृदय को आलोड़ित करने वाले हैं कि दीनता एवं निष्कामता के भाव सहज ही साधक के हृदय में अपनी जड़ें जमाने लगते हैं, जिससे वह बिना किसी विशेष प्रयास के ही विशुद्धा भक्ति के मार्ग पर अग्रसर होता जाता है। भक्ति-पथ के पथिक प्रत्येक साधक को ‘ब्रजरस माधुरी’ के सहज माधुर्य का पान करके अपनी देवदुर्लभ मानव देह को अवश्य ही सफल करना चाहिये।

इस एडिशन में क्या नया है?

नई ब्रज रस माधुरी एक संपूर्ण आध्यात्मिक खजाना है, जो आपकी भक्ति को और भी गहरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस एडिशन में विषय-वार वर्गीकरण जोड़ा गया है, जिससे अब आप अपने पसंदीदा संकीर्तन को आसानी से ढूंढकर भक्ति में लीन हो सकते हैं।

ब्रज रस लीला, नाम संकीर्तन, सद्गुरु सरकार, श्री कृष्ण, श्री राधा रानी और कई अन्य विषयों पर आधारित इस संकलन में आप आसानी से अपने मनपसंद संकीर्तन का चयन कर सकते हैं। प्रत्येक धुन को विशेष पहचान संख्या दी गई है, जिससे इन्हें गाना और भी सरल हो गया है।

इस विशेष एडिशन में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा लिखित कुछ दुर्लभ और पहले कभी प्रकाशित न की गईं पंक्तियाँ भी शामिल की गई हैं।

Specifications
LanguageHindi
GenreSankirtan
Book cover type Paperback
ClassificationPrincipal Composition
AuthorJagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj
PublisherRadha Govind Samiti
Number of pages 400
Weight325 g
Size12.5 cm X 18 cm X 2 cm
ISBN9789390373796
Author Introduction

Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj

The greatest spiritual master of the modern era and the foremost exponent of eternal Vedic philosophy, who reconciled all the world’s philosophies and faiths. He was the only saint to be honoured with the unprecedented title of JAGADGURUTTAM, acclaimed as the world’s pre-eminent scholar of all scriptures. Observing his state of being ever immersed in the divine love bliss of Shri Radha Krishna, the title of BHAKTIYOGA-RASAVATAR was also conferred upon him.

More Information