मन को संसार से विलग कर ईश्वर को अर्पित करने से पहले एक दिव्य सत्ता की आवश्यकता होती है, जिसके बिना ईश्वर को प्राप्त नहीं किया जा सकता। उस इकाई को ईश्वर-प्राप्त संत कहा जाता है। हम एक सच्चे संत की पहचान उन लोगों में से कैसे कर सकते हैं जो एक होने का ढोंग करते हैं?
Mahapurush - Hindi - Ebookप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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मन को संसार से विलग कर ईश्वर को अर्पित करने से पहले एक दिव्य सत्ता की आवश्यकता होती है, जिसके बिना ईश्वर को प्राप्त नहीं किया जा सकता। उस इकाई को ईश्वर-प्राप्त संत कहा जाता है। हम एक सच्चे संत की पहचान उन लोगों में से कैसे कर सकते हैं जो एक होने का ढोंग करते हैं?
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | सिद्धांत |
फॉर्मेट | ईबुक |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आई.एस.बी.एन. | 9788194655350 |