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युगल माधुरी: 11वाँ अध्याय- प्रेम रस मदिरा - ईबुक हिन्दी
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जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज श्री राधा-कृष्ण के अद्वितीय सौंदर्य का अद्वितीय वर्णन करते हैं। वे अपने पदों के माध्यम से जीवों को बता रहें हैं कि कैसे युगल सरकार एक-दूसरे के पूरक हैं और उनकी विशेष अलौकिक लीलाएं निष्काम प्रेम की परम प्रतिष्ठा हैं। जैसे एक ही परमात्मा दो रूपों में प्रकट हो गया है, ताकि भक्ति के मार्ग के साधक इस दिव्य प्रेम का रूपध्यान कर, परमानन्द का अनुभव कर सकें।
भक्ति के इस महान संग्रह / महान निधि, 'प्रेम रस मदिरा' का यह ग्यारहवां अध्याय है। 'प्रेम रस मदिरा' के दिव्य अद्वितीय 1008 भक्ति से परिपूर्ण पद वेदों, पुराणों, उपनिषदों आदि के सिद्धांतों पर आधारित हैं।
PRM Hindi ebook Ch 11
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