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61c0812428689e8fa1c88d32 साधन साध्य - गुरुपूर्णिमा 2012 - हिन्दी https://www.jkpliterature.org.in/s/61949a48ba23e5af80a5cfdd/61c1c11a15d0035155bd87eb/gp12.jpg

गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी भगवत्तत्व जिज्ञासुओं को हार्दिक बधाई।

यह पर्व जहाँ सद्गुरु चरण शरण का दिव्य सन्देश प्रसारित करता है वहीं इस पर्व से सम्बन्धित बहुत से प्रश्न स्वाभाविक रूप से मस्तिष्क में घूमते हैं-

गुरु की क्या आवश्यकता है? सद्गुरु को कैसे पहिचाना जाय, क्या केवल भगवान् की भक्ति से भगवत्प्राप्ति नहीं होगी इत्यादि।

हमारे देश में बाबाओं की बाढ़ सी आयी हुई है, जो शास्त्र वेद का नाम तक नहीं जानते वह भी शिष्यों की लाईन लगाकर कान फूंकते चले जा रहे हैं। अत: धर्म के नाम पर वे अपना व्यापार चला रहे हैं। उपर्युक्त प्रश्नों का सही सही उत्तर न जानने के कारण ही जनसाधारण भ्रमित हो रहा है। अत: 

गुरु-शिष्य-विज्ञान को समझना परमावश्यक है। सच्चे सद्गुरु की सच्ची शरणागति ही दिव्य प्रेम प्राप्ति का एक मात्र उपाय है। गुरुपूर्णिमा साधन साध्य अंक विशेष रूप से इन्हीं सब विषयों को मस्तिष्क में रखते हुये प्रकाशित किया जा रहा है- जिज्ञासु पाठक अवश्य लाभान्वित होंगे।

Sadhan Sadhya - Guru Poornima 2012
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साधन साध्य - गुरुपूर्णिमा 2012 - हिन्दी

भाषा - हिन्दी

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विवरण

गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी भगवत्तत्व जिज्ञासुओं को हार्दिक बधाई।

यह पर्व जहाँ सद्गुरु चरण शरण का दिव्य सन्देश प्रसारित करता है वहीं इस पर्व से सम्बन्धित बहुत से प्रश्न स्वाभाविक रूप से मस्तिष्क में घूमते हैं-

गुरु की क्या आवश्यकता है? सद्गुरु को कैसे पहिचाना जाय, क्या केवल भगवान् की भक्ति से भगवत्प्राप्ति नहीं होगी इत्यादि।

हमारे देश में बाबाओं की बाढ़ सी आयी हुई है, जो शास्त्र वेद का नाम तक नहीं जानते वह भी शिष्यों की लाईन लगाकर कान फूंकते चले जा रहे हैं। अत: धर्म के नाम पर वे अपना व्यापार चला रहे हैं। उपर्युक्त प्रश्नों का सही सही उत्तर न जानने के कारण ही जनसाधारण भ्रमित हो रहा है। अत: 

गुरु-शिष्य-विज्ञान को समझना परमावश्यक है। सच्चे सद्गुरु की सच्ची शरणागति ही दिव्य प्रेम प्राप्ति का एक मात्र उपाय है। गुरुपूर्णिमा साधन साध्य अंक विशेष रूप से इन्हीं सब विषयों को मस्तिष्क में रखते हुये प्रकाशित किया जा रहा है- जिज्ञासु पाठक अवश्य लाभान्वित होंगे।

विशेष विवरण

भाषा हिन्दी
शैली / रचना-पद्धति आध्यात्मिक पत्रिका
फॉर्मेट पत्रिका
लेखक परम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी
प्रकाशक राधा गोविंद समिति
आकार 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी

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