शरत्पूर्णिमा महोत्सव पर सभी पाठकों को हार्दिक बधाई!
श्रीकृष्ण भक्तों के लिए शरत्पूर्णिमा सर्वश्रेष्ठ पर्व है, क्योंकि शरत्पूर्णिमा के दिन ही अनन्त सौन्दर्य माधुर्य सुधारससिन्धु रसिक शिरोमणि श्यामसुन्दर ने रासेश्वरी श्री राधारानी का आश्रय लेकर अधिकारी जीवों के साथ महारास किया था अर्थात् आनन्द की जो अन्तिम सीमा है, उस अन्तिम सीमा वाले आनन्द को अधिकारी जीवों को प्रदान किया था।
हम सभी साधकों के लिए इस पर्व का महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि राधाकृष्ण भक्ति के मूर्तिमान स्वरूप भक्ति योगरसावतार गुरु देव का प्राकट्य भी सन् 1922 शरत्पूर्णिमा की शुभ रात्रि में ही हुआ। उनका अवतरण जीवों को उस रस का अधिकारी बनाने के लिए ही हुआ जो श्री श्यामा-श्याम ने सौभाग्यशाली जीवों को शरत्पूर्णिमा के दिन प्रदान किया।
इस पावन पर्व पर श्री महाराज जी के युगों युगों तक सान्निध्य की अभिलाषा के साथ उनको कोटि कोटि बधाई।
Sadhan Sadhya - Sharad Poornima 2013प्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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शरत्पूर्णिमा महोत्सव पर सभी पाठकों को हार्दिक बधाई!
श्रीकृष्ण भक्तों के लिए शरत्पूर्णिमा सर्वश्रेष्ठ पर्व है, क्योंकि शरत्पूर्णिमा के दिन ही अनन्त सौन्दर्य माधुर्य सुधारससिन्धु रसिक शिरोमणि श्यामसुन्दर ने रासेश्वरी श्री राधारानी का आश्रय लेकर अधिकारी जीवों के साथ महारास किया था अर्थात् आनन्द की जो अन्तिम सीमा है, उस अन्तिम सीमा वाले आनन्द को अधिकारी जीवों को प्रदान किया था।
हम सभी साधकों के लिए इस पर्व का महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि राधाकृष्ण भक्ति के मूर्तिमान स्वरूप भक्ति योगरसावतार गुरु देव का प्राकट्य भी सन् 1922 शरत्पूर्णिमा की शुभ रात्रि में ही हुआ। उनका अवतरण जीवों को उस रस का अधिकारी बनाने के लिए ही हुआ जो श्री श्यामा-श्याम ने सौभाग्यशाली जीवों को शरत्पूर्णिमा के दिन प्रदान किया।
इस पावन पर्व पर श्री महाराज जी के युगों युगों तक सान्निध्य की अभिलाषा के साथ उनको कोटि कोटि बधाई।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | आध्यात्मिक पत्रिका |
फॉर्मेट | पत्रिका |
लेखक | परम पूज्या डॉ श्यामा त्रिपाठी |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
आकार | 21.5 सेमी X 28 सेमी X 0.4 सेमी |