वेद से लेकर रामायण तक सभी ग्रन्थों में गुरु महिमा का विस्तृत विवेचन किया गया है। अन्यान्य धर्म ग्रन्थों में भी गुरु-सेवा, गुरु-शरणागति को ही भगवत्प्राप्ति का एक मात्र उपाय बताया गया है। भगवत्पथ पर चलने के लिए सर्वप्रथम किसी श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष का मार्गदर्शन परमावश्यक है। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा प्रकटित साहित्य नानापुराण वेद सम्मत है। भक्ति सम्बन्धी तत्त्वज्ञान देकर संसारासक्त जीवों को ब्रजरस का अधिकारी बनाकर ब्रजरस में सराबोर करना ही इनके साहित्य एवं प्रवचनों का मुख्य उद्देश्य है, जो सद्गुरु-शरणागति के बिना असम्भव ही है। यद्यपि सभी शास्त्रों वेदों में गुरु गुण गान भरा पड़ा है, किन्तु वह संस्कृत भाषा में होने के कारण जनसाधारण के लिए बोध गम्य नहीं है।
‘गुरु गोविंद’ पुस्तक में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा विरचित राधा गोविंद गीत के गुरु तत्त्व सम्बन्धी दोहों को संकलित किया गया है।
Guru Govind - Hindiप्रकार | विक्रेता | मूल्य | मात्रा |
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वेद से लेकर रामायण तक सभी ग्रन्थों में गुरु महिमा का विस्तृत विवेचन किया गया है। अन्यान्य धर्म ग्रन्थों में भी गुरु-सेवा, गुरु-शरणागति को ही भगवत्प्राप्ति का एक मात्र उपाय बताया गया है। भगवत्पथ पर चलने के लिए सर्वप्रथम किसी श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष का मार्गदर्शन परमावश्यक है। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा प्रकटित साहित्य नानापुराण वेद सम्मत है। भक्ति सम्बन्धी तत्त्वज्ञान देकर संसारासक्त जीवों को ब्रजरस का अधिकारी बनाकर ब्रजरस में सराबोर करना ही इनके साहित्य एवं प्रवचनों का मुख्य उद्देश्य है, जो सद्गुरु-शरणागति के बिना असम्भव ही है। यद्यपि सभी शास्त्रों वेदों में गुरु गुण गान भरा पड़ा है, किन्तु वह संस्कृत भाषा में होने के कारण जनसाधारण के लिए बोध गम्य नहीं है।
‘गुरु गोविंद’ पुस्तक में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा विरचित राधा गोविंद गीत के गुरु तत्त्व सम्बन्धी दोहों को संकलित किया गया है।
भाषा | हिन्दी |
शैली / रचना-पद्धति | संकीर्तन, दोहे |
विषयवस्तु | छोटी किताब, गुरु - सच्चा आध्यात्मिक पथ प्रदर्शक, भक्ति गीत और भजन, तत्वज्ञान |
फॉर्मेट | पेपरबैक |
वर्गीकरण | संकीर्तन |
लेखक | जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज |
प्रकाशक | राधा गोविंद समिति |
पृष्ठों की संख्या | 137 |
वजन (ग्राम) | 121 |
आकार | 12.5 सेमी X 18 सेमी X 0.8 सेमी |
आई.एस.बी.एन. | 9789380661384 |